बी अवेयर: सिगरेट में 7 हजार प्रकार के कैमिकल, इनमें 250 प्रकार के कैमिकल जानलेवा, 70 से होता है कैंसर
आपको बतादे की हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को धूम्रपान के खतरों के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करना है। धूम्रपान न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि यह हृदय रोग, कैंसर और कई अन्य गंभीर बीमारियों का भी प्रमुख कारण है। आइए इस अवसर पर जानें कि धूम्रपान हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है और इसे छोड़ने के क्या फायदे हैं।
धूम्रपान से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान
1. फेफड़ों का रोग, कैंसर का खतरा
सिगरेट के धुएं में मौजूद कार्सिनोजेन्स (कैंसर पैदा करने वाले तत्त्व) फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। लंबे समय तक धूम्रपान करने से COPD और फेफड़ों, मुंह, गले, भोजन नली में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
2. हृदय और रक्तवाहिनियों पर प्रभाव
सिगरेट पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है और धमनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
3. प्रजनन क्षमता और त्वचा पर असर
प्रजनन क्षमता घटती हैं एवं त्वचा रुखी और झुर्रियों वाली हो जाती है, जिससे व्यक्ति जल्दी बूढ़ा दिखने लगता है।
स्मोकिंग छोड़ना मुश्किल लगता है? अपनाएं ये असरदार तरीके!!
1. निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एनआरटी)
निकोटीन की तलब को कम करने के लिए एनआरटी एक प्रभावी तरीका है। यह धीरे-धीरे शरीर में निकोटीन की मात्रा को कम करता है, जिससे सिगरेट छोड़ना आसान हो जाता है। जैसे निकोटीन गम मुंह में चबाने से तलब कम होती है। निकोटीन पैच स्किन पर लगाने से धीरे-धीरे निकोटीन रिलीज होता है। निकोटीन स्प्रे/लॉजेंज जब अचानक सिगरेट पीने की इच्छा हो, तो इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
2. योग-मेडिटेशन के साथ हेल्दी आदतें अपनाएं
योग और मेडिटेशन करें, जो तनाव कम करने और इच्छाशक्ति को मजबूत करने में मददगार होंगे। इसके अलावा जब स्मोकिंग की तलब लगे, तो कुछ गहरी सांसें लें। डायरी लिखने की आदत बनाएं। फिजिकल एक्टिविटी करने से दिमाग में डोपामिन रिलीज होता है, जो सिगरेट की लत को कम करता है। हेल्दी स्नैक्स खाएं। आसपास सकारात्मक माहौल बनाएं।
धूम्रपान छोड़ने के फायदे अगर कोई व्यक्ति धूम्रपान छोड़ता है, तो उसका शरीर धीरे-धीरे रिकवर होने लगता है। शोध बताते हैं कि –
● 20 मिनट बाद ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट सामान्य होने लगती है।
● 12 घंटे बाद खून में मौजूद कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा सामान्य हो जाती है।
● 1 से 9 महीने में फेफड़ों की कार्यक्षमता बेहतर होती है।
● 1 साल बाद दिल की बीमारी का खतरा आधा हो जाता है।
● 5 से 10 साल बाद स्ट्रोक और कैंसर का खतरा काफी कम होता है।
● 15 साल बाद दिल की बीमारी का खतरा उसी स्तर पर, जैसा स्मोकिंग न करने वाले व्यक्ति में होता है।