शराबबंदी लागू होती है तो आदिवासी समाज शराब से मुक्त होगा
मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को झाबुआ आ रहे हैं। इससे पहले पहले मप्र आदिवासी विकास परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल ने शनिवार को मुख्यमंत्री से झाबुआ और अलीराजपुर जिले में शराबबंदी लागू करने की मांग की है।
जिले के लोगों को शराब नहीं रोजगार चाहिए
पटेल ने कहा जिले में आदिवासी सामाजिक संगठनों द्वारा मिशन डी-3 चलाया जा रहा है। इसके तहत दहेज, डीजे, दारू पर होने वाले फिजूलखर्च पर रोक लगाने की बात कही जा रही है। अंग्रेजी शराब भी सामाजिक कार्यक्रम और शादियों में बंद करने के निर्णय लिए गए हैं। पटेल ने कहा अगर दोनों जिले में शराबबंदी लागू होती है तो आदिवासी समाज शराब से मुक्त होगा। उन्होंने कहा जिले के लोगों को शराब नहीं रोजगार चाहिए। इन जिले में कोई बड़े औद्योगिक क्षेत्र नहीं है न कोई और व्यवस्थाएं हैं। इसके कारण गरीब आदिवासी लोगों को रोजगार मुहैया नहीं हो पाता। मनरेगा से मिलने वाली मजदूरी भी पर्याप्त नहीं होने के कारण दोनों जिले के आदिवासी समाज के लोग अपना घर बार बच्चों और वृद्ध लोगों को छोड़कर मजदूरी की तलाश में बड़े शहरों ओर अन्य राज्यों में पलायन करना पड़ता है। पटेल ने कहा जिले की सीमा से नर्मदा नदी गुजरती है। अगर मां नर्मदा किनारे बड़े उद्योग धंधे स्थापित हो जाएं तो आदिवासी समाज के साथ अन्य समाज के लोगों को रोजगार मिलने लगेगा।