विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की मांग को लेकर जयस का मुख्यमन्त्री के नाम ज्ञापन
अजय भाबर – गंधवानी (धार)
मध्य प्रदेश आदिवासी बाहुल्य राज्य है जिसमें 3 करोड़ से अधिक आदिवासी जनजातीयां रहती है। आदिवासियों की अपनी अनोखी सांस्कृतिक एकता और जल-जंगल-जमीन को बचाने की भावना उन्हे दुनिया में विशेष बनाती है उनका प्रकृति के बीच जुड़ाव अविश्वनीय है। विगत वर्षो में आदिवासियों के अस्तित्व और अस्मिता को भारी नुकसान हुआ है दुनियाभर में चिंता का विषय बना था जिसके संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की आम सभा में 23 दिसंबर 1994 को पारित प्रस्ताव क्रमांक 49/214 के तहत प्रतिवर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (द इंटरनेशनल डे ऑफ द वर्ल्ड इंडीजीनस पीपल्स) के रूप में घोषित किया था जिसे समूचे भारत में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 9 अगस्त को भारत देश में विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाने का वास्तविक उद्देश्य आदिवासियों का सांस्कृतिक संरक्षण, आदिवासी समाज के मानव अधिकारों का संरक्षण, उनके जल, जंगल तथा खनिज- संपदा के अधिकार सुरक्षित रहें तथा अस्मिता, आत्मसम्मान उनकी कला- संस्कृति के लिखित अस्तित्व का इतिहास कायम रहे एवं भारत के आदिवासियों के स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति बुनियादी जागरूकता आदि का प्रचार-प्रसार किया जा सके।
संबंधित विषय को लेकर गंधवानी जयस के युवाओं ने मुख्यमन्त्री श्री डाॅ मोहन यादव जी के नाम आदिवासी दिवस (9 अगस्त) को सार्वजनिक अवकाश और अन्य मांगो को लेकर तहसील कार्यालय मे तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के अनुसार आदिवासियों द्वारा सामाजिक, संस्कृति, भाषा, कला, विरासती धरोहर, अमूल्य अलिखित इतिहास तथा संवैधानिक अधिकारों आदि की सामूहिक समीक्षात्मक चिंतन करने और मध्यप्रदेश के 3 करोड़ से अधिक दुनियां के सबसे पुराने बाशिंदे और विश्वकल्याणकारी प्रकृति रक्षक आदिवासी समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुई अविलंब सार्वजानिक अवकाश तथा 89 आदिवासी ब्लॉक को 10-10 लाख की राशि घोषित करने और साथ ही म.प्र. के सभी आदिवासी विकास खण्डों में राशि आवंटित करने की मांगों को लेकर गंधवानी जयस द्वारा ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्ञापन का वाचन गंधवानी जयस रवि धारवे ने किया और मौके पर आनंद डोडवे, राकेश डावर, जगदीश मंडलोई, शोभाराम रंधावे, मगन भंवर, गोलू , अजय, संजय और गंधवानी जयस से जुड़े अन्य युवा साथी उपस्थित रहे।