अर्धनारीश्वर स्वरूप में बाबा महाकाल का श्रृंगार
उज्जैन/मध्यप्रदेश । विजय मालवी/विशाल चौहान ।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सावन माह के कृष्ण पक्ष के दूसरे सोमवार रात ढाई बजे मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान शिव को प्रिय सावन महीने में आरती का समय बदलकर 3 बजे कर दिया गया। आज सबसे पहले भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। मान्यता है कि श्रावण माह में शिव आराधना करने से सभी कष्टों से तत्काल मुक्ति मिलती है।
श्रावण के दूसरे सोमवार के दिन आज महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्म आरती की गई। भस्म आरती के पहले बाबा को जल से नहलाकर महा पंचामृत अभिषेक किया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद व फलो के रसों से अभिषेक हुआ। अभिषेक के बाद भांग और चंदन से भोलेनाथ का अर्धनारीश्वर स्वरूप में श्रृंगार किया गया और भगवान को वस्त्र धारण कराए गए।इसके बाद बाबा को भस्म चढ़ाई गई। भस्मीभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई। भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हैं, इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का माहौल है।