सांस्कृतिक विरासत और समरसता का उत्सव… झाबुआ में भगोरिया उत्सव में जनजातीय संस्कृति के रंग में रंगकर आनंदित और अभिभूत हूं। भगोरिया, जनजातीय संस्कृति का जीवंत प्रतीक है, जहां रंग-बिरंगे परिधान, ढोल-मांदल की मधुर थाप और पारंपरिक नृत्यों के साथ सामूहिक उत्साह हमारी परंपराओं को जीवंत बनाए रखते हैं।
मध्यप्रदेश। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज झाबुआ में आयोजित भगोरिया हाट/मेला एवं भील महासम्मेलन में सहभागिता की। इस दौरान आदिवासी पारंपरिक वैषभूषा धारणकर खुली जीप में दिलीप क्लब से बस स्टैंड स्थित सभा स्थल तक पहंचे। इस दौरान खुली जीप में उनके साथ कैबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया, पूर्व सांसद गुमानसिंह डामोर, व भाजपा जिला अध्यक्ष भानु भूरिया थे। इस दौरान बडी संख्या में ग्रामीणजन ढोल-मांदल की थाप पर पारंपरिक वेशभूषा पहनकर भगोरिया नृत्य करते हुए आगे-आगे चल रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने भगोरिया में सम्मिलित आमजन का हाथ जोडकर अभिवादन स्वीकार किया। सभा स्थल पहुचकर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं अमर बलिदानी वीर जननायकों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया।
‘भगोरिया’-आनंद है, उल्लास है, उत्साह है, रंग है, जीवन है – मुख्यमंत्री डॉ. यादव
आज जनजातीय संस्कृति से सराबोर झाबुआ की धरा पर आयोजित लोक संस्कृति के प्रतीक ‘भील महासम्मेलन एवं भगोरिया उत्सव’ में सहभागिता कर हृदय उल्लास और आनंद से भर गया। ढोल की गमक, मादल का आनंद, टिमकी व घुंघरुओं की ध्वनियां और बांसुरी की स्वर लहरियों के मध्य निश्छल जनजातीय संस्कृति और आधुनिकता का संगम और जीवंत उत्सव है भगोरिया। ये उत्साह, आनंद और उमंग ही तो हमारी संस्कृति के विविध रंग है। आज रंगोत्सव से पूर्व ‘भगोरिया पर्व’ में जनजातीय भाई-बहनों के प्रेम के रंग में रंगकर अभिभूत हूं। जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण एवं जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए हमारी सरकार संकल्पित और कार्यरत है।
किसानों को ₹5 में स्थायी बिजली कनेक्शन दिया जाएगा, विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था होगी
भील महासम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि यहां भव्य मेडिकल कॉलेज बनाने के साथ ही टिटकी माता के स्थल का जीर्णोद्धार होगा। इसके साथ ही जो बच्चे, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, कलेक्टर या अन्य कोई बड़ा अधिकारी बनना चाहते हैं, तो उनके लिए निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था होगी। वही झाबुआ में जनजातीय भाई-बहनों के लिए धर्मशाला के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। जनजातीय अंचल में विकास अविरल रहेगा। सड़कें ही नहीं, बल्कि जिलावासियों की जरूरतों के अनुरूप हर संभव सुविधा दी जाएगी। साथ ही, भील उत्सव भी धूमधाम से मनाया जाएगा। आने वाले समय में किसानों को ₹5 में स्थायी बिजली कनेक्शन दिया जाएगा और जिन गरीबों के पक्के मकान नहीं हैं, उन्हें सर्वे के बाद पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके साथ ही मजरे, टोले तक जाने के लिए पक्की सड़कों का भी प्रबंध किया जाएगा।
अनास नदी को नर्मदा से जोड़ने के प्रयास होंगे, जिससे जल उपलब्धता बढ़े…
इसके साथ ही कम उद्योग वाले क्षेत्रों, विशेषकर झाबुआ में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। नए अस्पताल खोलने पर अनुदान दिया जाएगा। वहीं गरीब को गंभीर स्थिति में बेहतर उपचार के लिए बाहर ले जाने की आवश्यकता पड़ने पर निःशुल्क एयर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी
पूर्व सांसद श्रद्धेय दिलीप सिंह भूरिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर नमन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण एवं जनजातीय क्षेत्र के विकास के प्रति आदरणीय भूरिया जी का सेवाभाव व समर्पण अनुकरणीय है। मध्यप्रदेश सरकार आपके आदर्शों पर चलते हुए जनजातीय समाज के उत्थान के लिए निरंतर कार्यरत है।
मीडिया से बात करते हुवे मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने जनजातीय समाज के सभी उत्सवों को राजकीय स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। इसी कड़ी में आज मैं पारंपरिक उल्लास और संस्कृति के प्रतीक भगोरिया उत्सव झाबुआ में शामिल हुआ हूं।