जीएसीसी कॉलेज में महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, आत्मरक्षा के गुर सिखाए व छात्राओं को जागरूक किया
इंदौर। विशाल चौहान। 25 नवम्बर सोमवार को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस श्री अटल बिहारी वाजपेयी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, इंदौर की प्राचार्य डॉ ममता चंद्रशेखर की अध्यक्षता में महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया। ततपश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता, अभ्यास मंडल इंदौर सचिव, मुख्य अतिथि एवं वक्ता, डॉ मालासिंह ठाकुर मौजूद थी। मुख्य अतिथि डॉ. मालासिंह ठाकुर ने जीवन के विभिन्न पहलुओं में महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न के बारे में बताया। डॉ. माला ने छात्राओं को विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न जैसे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, यौन, सांस्कृतिक, मौखिक और सामाजिक उत्पीड़न के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए कई प्रभावी रणनीतियों पर भी जोर दिया।
कॉलेज प्राचार्य डॉ ममता चंद्रशेखर ने कहा कि किसी भी होने वाले महिला संबंधित अपराध को लेकर चुप बैठने के बजाय अपनी आवाज उठानी चाहिए। अपने प्रति हो रही हिंसा का प्रतिरोध करें ताकि लोग उत्पीड़न न कर सकें। सरकार द्वारा भी महिला सशक्तिकरण को लेकर महिलाओं, लड़कियों एवं बच्चों को लगातार जागरूक करने का काम किया जा रहा है। लेकिन हमे भी खुद से व परिवार से जागरूक होने की जरूरत है।
कार्यक्रम संयोजक डॉ सन्ध्या गोयल ने बताया कि 16 दिवसीय महिला सशक्तिकरण प्रशिक्षण के दौरान छात्राओं को कई तकनीक का उपयोग करके आत्मरक्षा के गुर सिखाए साथ ही मानसिक शक्ति और इच्छा शक्ति विकसित करने के लिए ध्यान की शक्ति पर जोर दिया। आत्मरक्षा तकनीकों को अपने साथियों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को सिखाने के उद्देश्य से महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाने के मिशन शक्ति के बड़े लक्ष्य की सेवा करने का भी संकल्प लिया। इस मौके पर छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में मौजूद छात्राओं ने बताया कि नारी सशक्तिकरण शब्द से ही ज्ञात होता है कि आज समाज में नारी शक्ति का हास हुआ है। जिसके लिए समाज में ऐसे विषयों की जरूरत पड़ी है। अग्रिम श्रेणी में अपनी अहम भूमिका निभाने के लिए नारी को फिर से अपनी अंतरात्मा में वह शक्ति भरनी होगी। जिससे वह स्वयं की सुरक्षा के साथ साथ अपने आसपास सभी को सुरक्षित रख सके। आर्थिक स्वतंत्रता से ही महिला सशक्त हो सकती है। वही सामाजिक सोच में भी बदलाव आये ओर महिलाओं को बराबरी का हक दे।