जिले के आदिवासियों को कब मिलेगी परेशानियों से मुक्ति, यहां एम्बुलेंस आती नही खाट ही एकमात्र सहारा
अलीराजपुर । विजय मालवी । वो दर्द से तड़प रही थी और एक एक पल काटना उसके लिए भारी हो रहा था। सड़क मार्ग सही नही होने से फलिये तक एम्बुलेंस का पहुचना नामुमकिन था। फिर भी हिम्मत जुटाते हुए परिजन उसे खटिया पर तीन किलोमीटर का कच्चा रास्ता तय कर सड़क पर खड़ी एम्बुलेंस में शिफ्ट किया। तब कहीं जाकर एंबुलेंस से अस्पताल पहुंची और डिलेवरी हो सकी।
मामला अलीराजपुर जिले के सुमन्यावाट गांव में बुधवार को सड़क के अभाव में फलिए तक नही पहुंच पाई एंबुलेंस। प्रसूता को खटिया पर ले जाते वीडियो वायरल हुआ। जिले में विकास के दावे तो कई किए, लेकिन जमीन पर मूर्त रूप लेने की बजाएं हवा हवाई होकर रह गए। इसकी पोल फिर खुल गई।
जानकारी के अनुसार आम दिनों में सुमन्यावाट गांव के लोगो को कच्ची सड़के से आवागमन करना पड़ता है। बारिश के समय में यह कच्ची सड़क कीचड़ में बदल जाती है।
ग्रामीणों में बढ़ रहा आक्रोश –
इस गांव में गरीब लोग निवास करते हैं। मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। मूलभूत सुविधा नहीं मिलने से उनको कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत सड़क के अभाव में उठाना पड़ रही है। लोगों ने बताया कि जनप्रतिनिधि चुनाव के समय आए और बड़े वादे कर चले गए। यह वादे आज तक पूरे नहीं हो सकें हैं। इससे लोगों में आक्रोश भी देखने को मिल रहा है।