हर सवाल का एक नंबर, निगेटिव मार्किंग नहीं होगी
मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश में शिक्षा भर्ती से जुड़ी जरूरी खबर आई है। म.प्र. शासन, स्कूल शिक्षा विभाग एवं म.प्र. शासन, जनजातीय कार्य विभाग द्वारा प्राथमिक शिक्षक के लिए संयुक्त पात्रता परीक्षा 2024 ईएसबी (कर्मचारी चयन मंडल) ने प्राइमरी स्कूल टीचर एलिजिब्लिटी टेस्ट के लिए आखिरकार नोटिफिकेशन जारी कर दिया। यह परीक्षा इंदौर सहित प्रदेश के 13 शहरों में आयोजित की जाएगी। उम्मीदवार 1 से 15 अक्टूबर तक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। परीक्षा 10 नवंबर से शुरू होगी। दो शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। पहली शिफ्ट के लिए सुबह 7 से 8 बजे के बीच रिपोर्टिंग टाइम रहेगा, जबकि दूसरी शिफ्ट के लिए रिपोर्टिंग का समय दोपहर 12.30 बजे से 1.30 बजे के बीच होगा।
प्रश्न संख्या कम्प्यूटर पर अंकित होगी –
इस परीक्षा में निगेटिव मार्किंग का प्रावधान नहीं होगा। प्रत्येक प्रश्न एक नंबर का होगा। परीक्षा में सही प्रश्नों की संख्या के प्रदर्शन के बाद अभ्यर्थियों द्वारा सही प्रश्नों की संख्या और पासवर्ड को कम्प्यूटर स्क्रीन पर अंकित करने का प्रावधान होगा। अभ्यर्थी द्वारा अंकित सही प्रश्नों की संख्या और प्रदर्शित स्कोर समान होने पर ही “सबमिट” किया जा सकेगा।
इन शहरों में होगी परीक्षा इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, बालाघाट, जबलपुर, खंडवा, नीमच, रतलाम, रीवा, सागर, सतना, सीधी, उज्जैन।
शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा की वैद्यता –
शिक्षक पात्रता परीक्षा की वैधता आजीवन रहेगी। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2020 और इसके बाद आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आजीवन वैधता लागू होगी। अर्थात वर्ष 2020 में आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में अहं अभ्यर्थियों को पुनः पात्रता परीक्षा में सम्मिलित होने की आवश्यकता नहीं है। शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए विभाग द्वारा विज्ञापन जारी कर शिक्षक चयन परीक्षा आयोजित की जाएगी। योग्यता डीएड मांगी गई है। जिन्होंने 2020 में आयोजित प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर ली है, उन्हें भरने की जरूरत नहीं रहेगी। इसके लिए हायर सेकंडरी और प्रारंभिक शिक्षा में दो वर्ष का डिप्लोमा होना चाहिए।
शिक्षक भर्ती परीक्षा के नियम –
परीक्षा, 150 नंबर का पेपर पात्रता परीक्षा के लिए 150 अंकों का एक प्रश्नपत्र होगा। परीक्षा अवधि ढाई घंटे की होगी। इसमें बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे। कुल अंक विषयवस्तु 30-30 नंबर की रहेगी। इसमें बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र, भाषा-1, भाषा-2, गणित, पर्यावरण अध्ययन शामिल हैं। इस तरह से 150 नंबर के होंगे।